Allopathy का आविष्कार किसने किया ?
आज के कोरोना के समय मे जिस प्रकार का माहौल बना हुआ है ऐसे मे अस्पताल ही एक ऐसी जगह जहा इस भयंकर महामारी का इलाज किया जा रहा है। इस इलाज मे कई प्रकार की पद्वतिया डाक्टर द्वारा अपनाई जाती है जिससे आपका इलाज किया जाता है। ऐसी पद्धति मे एक यह भी है एलोपेथी जिसे एक सामान्य ढ़ग से व्यक्ति का इलाज किया जाता है। क्या आपको पता है की अस्पताल मे ज्यादातर अपनाई जाने वाले इस पद्धति का पहली बार इस्तेमाल कब किया था और इसकी खोज किसने की थी ? अगर आपको इसके बारे मे नही पता तो इस लेख को अंत तक जरूर पढे़ ताकि आपको इससे संबंधित पूरी जानकारी मिल सके।

एलोपेथी क्या होता है ? ( What is Allopathy )
एलोपेथी एक चिकित्सा प्रणाली है जिसके माध्यम से लोगों का इलाज किया जाता है। ऐलोपेथी का इलाज सामान्यतः कम समय मे ज्यादा फ़ायदेमंद रहता है। ऐलोपेथी पद्धति से इलाज निर्विवाद होता है। चिकित्सा के क्षेत्र मे इस प्रणाली के कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी है जो की इस पद्धति को प्रभावित करते है।
ऐलोपेथी के लाभ ( Benefits of Allopathy )
ऐलोपेथी के कुछ लाभ है जो इस प्रकार है –
- चिकित्सा प्रणाली मे ऐलोपेथी का इलाज निर्विवाद होता है इतना ही नही इस पद्धति से इलाज काफी तेजी से भी होता, कुछ केस ऐसे होते है जिसमे इलाज देरी से हो सकता है परन्तु ज्यादातर संभावना यह रहती है इस पद्धति से इलाज आसानी से एवं जल्दी होता है।
- ऐलोपेथी चिकित्सा प्रणाली पूर्ण रूप से विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित है, इसमे नित्या कोई न कोई नही पद्यतियों का विस्तार होता रहता है इसलिए इस पद्धति को डायनामाईम पद्धति भी कहें तो गलत नही होगा।
- ऐलोपेथिक चिकित्सा प्रणाली का विकास काफी तेजी से हो रहा है इसमे कई नये नये पद्यतियों को विकास भी संभव हो रहा है इस वजह से ऐलोपेथिक इलाज आज के समय मे काफी चर्चा में रहता है।
- अब तक जो भी रोग विज्ञान ने खोजे है उनका ज्यादातर इलाज एलोपेथिक से ही संभव हो पाया है क्योंकि इसमे कम समय मे तेजी से इलाज होता है।
ऐलोपेथी की हानियां ( Losses of Allopathy )
ऐलोपेथी कीे कुछ हानिया भी है जो इस प्रकार है –
- ऐलोपेथी का सबसे मुख्य हानि यह है की यह अपने दवाइयों के असर से रोगो को दबा देती है उसे पूर्ण रूप से ठिक नही करती है।
- ऐलोपेथी मेडिसीन लेने से ऐसा दावा भी किया जाता है की इससे जो बिमारियां ठिक तो होती ही है परन्तु इसके साथ यह कुछ नई बिमारियों को भी जन्म देती है जो की शरीर के लिए हानिकारक भी होती है।
- पेट संबंधित बिमारियों का इलाज भी ऐलोपेथी मे नही है या यू कहे की ह्रद्रय रोग इत्यादि जैसी घाटक बिमारियों का इलाज भी ऐलोपेथी मे नही है।
- ऐलोपेथी दवाइयाँ जितनी ज्यादा लेते है उतना ही शरीर के लिए हानिकारक है इसलिए डॉक्टर्स ज्यादातर ऐन्टीबायोटिक दवाइंया ही देते है।
- ऐलोपेथी दवाइयों का सीधा असर मानव के पाशन क्रियाओं पर पाता है।
ऐलोपेथी चिकित्सा प्रणाली का आविष्कार किसने किया ( Who founded Allopathy Medicine )
ऐलोपेाथी का आविष्कार जानने से पहले इस शब्द के बारे मे जानना काफी जरूरी है। ऐलोपेथी मे ऐला का अर्थ होता है ‘‘अन्य’’ ओर पेथी का अर्थ होता है ‘‘पद्धति’’ जिसका अर्थ होता है एक अन्य पद्धति जिसके माध्यम से इलाज किया जा सके। एक तरह से ऐसा माना जाये की आधुनिक चिकित्सा पद्धति को ही एलोपेथी चिकित्सा प्रणाली कहा जाता है जो गलत नही होगा। ऐलोपेथी चिकित्सा प्रणाली का यह नाम होम्योपेथी चिकित्सा प्रणाली के जन्म दाता डॉ. सेमुअल फ्रेंडिक हैनीमैन ने दिया था, वे मुख्यतः जर्मनी राष्ट्र के थे।
ऐलोपेथी के जन्म दाता के बारे मे सामान्य जानकारी ( Basic information about allopathy’s founder )
डॉ सैमुएल हैनीमेन का जन्म 1755 ई मे हुआ था। डॉ सैमुएल यूरोप राष्ट्र जर्मनी के निवासी थे। डॉ सैमुएल के पिता एक पॉर्सिलेन पेन्टर थे जो की जर्मनी मे मुल निवासी थे। डॉ सैमुएल जर्मनी के एक गरीब परिवार मे जन्मे थे उन्होने अपनी पढाई सुविधाओं के अभाव मे की थी। डॉ सैमुएल होम्योपेथी, ऐलोपेथी के साथ – साथ कई अलग – अलग यूरोपियों भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होने एम.डी की डिग्री भी प्राप्त की थी और वे विज्ञान के भी जानकार माने जाते थे। वे बचपन से काफी गरीब थे एवं अपना जीवन यापन करने व ज़रूरतों को पूरी करने मे मे रसायन संबंधित कार्य करते एवं अंग्रेजी ग्रंथों का जर्मनी भाषा मे अनुवाद भी करते थे। एक बार जब अंगरेज डाक्टर कलेन की लिखी “कलेन्स मेटेरिया मेडिका” में वर्णित कुनैन नाम की जडी के बारे में अंगरेजी भाषा का अनुवाद जर्मन भाषा में कर रहे थे तब डॉ॰ हैनिमेन का ध्यान डॉ॰ कलेन के उस वर्णन की ओर गया, जहां कुनैन के बारे में कहा गया कि ‘’ यद्यपि कुनैन Maleria Rog को आरोग्य करती है, लेकिन यह स्वस्थ शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा करती है। डॉ हेनीमैन को होम्योपेथी चिकित्सा प्रणाली का पिता कहा जाता है उन्होने ने एलोपेथी चिकित्सा प्रणाली का नाम दिया था।
डॉ हैनीमैन जब ग्रंथों का अंग्रेजी मे अनुवाद कर रहे थे तब उनको एक ‘‘कुनैन’’ नामक औषधि के बारे मे पता चला जो की शरीर मे बने मलेरिया के लक्षण को खत्म करती है। अगर एक स्वस्थ व्यक्ति इस औषधि का सेवन करते है तो उस स्वस्थ व्यक्ति मे भी मलेरिया बिमारी के लक्षण उत्पत्र होने लगते है। इसके बाद जब वै स्वयं ने इस औषधी का सेवन करना चाहा ओर किया तो उनमे भी मलेरिया जैसी बिमारी के लक्षण दिखाई देने लगे। इसके बाद जैसे ही उन्होने इस दवाई को लेना बंद कर दिया तो मलेरिया के लक्षण स्वतः की गायब हो गये। डॉ हैनीमैन ने ऐसी और भी कई प्रकार की औषध्यिों का प्रयोग किया और उसके परिणाम भी निकले इसी प्रकार औषधियों का उपयोग होता गया एवं दवाईयां बनती गई। लेकिन ऐसे ही कुछ समय बाद इस प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी। होमयोपेथी के जनक व ऐलोपेथी के नामकरणकर्ता सनं 1843 मे 88 वर्ष की उम्र मे दूनिया को अलविदा कह कर चले गये। किन इस संसार को होमियोपैथी चिकित्सा का वरदान देकर गए जिसका लाभ आज देश दुनिया के कई रोगियों को प्राप्त हो रहा है।
निष्कर्ष ( Conclusion )
एलोपेथी एक चिकित्सा प्रणाली है जिसके माध्यम से लोगों का इलाज किया जाता है। ऐलोपेथी का इलाज सामान्यतः कम समय मे ज्यादा फ़ायदेमंद रहता है। ऐलोपेथी पद्धति से इलाज निर्विवाद होता है। ऐलोपेथी मे ऐला का अर्थ होता है ‘‘अन्य’’ ओर पेथी का अर्थ होता है ‘‘पद्धति’’ जिसका अर्थ होता है एक अन्य पद्धति जिसके माध्यम से इलाज किया जा सके। डॉ सैमुएल हैनीमेन का जन्म 1755 ई मे हुआ था। डॉ सैमुएल यूरोप राष्ट्र जर्मनी के निवासी थे। डॉ सैमुएल के पिता एक पॉर्सिलेन पेन्टर थे जो की जर्मनी मे मुल निवासी थे। डॉ सैमुएल जर्मनी के एक गरीब परिवार मे जन्मे थे उन्होने अपनी पढाई सुविधाओं के अभाव मे की थी। डॉ सैमुएल होम्योपेथी, ऐलोपेथी के साथ – साथ कई अलग – अलग यूरोपिा भाषाओं के ज्ञाता थे। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा।
FAQ
प्रश्न 1 – ऐलोपेथी क्या है ?
उत्तर – एलोपेथी एक चिकित्सा प्रणाली है जिसके माध्यम से लोगों का इलाज किया जाता है। ऐलोपेथी का इलाज सामान्यतः कम समय मे ज्यादा फ़ायदेमंद रहता है। ऐलोपेथी पद्धति से इलाज निर्विवाद होता है। चिकित्सा के क्षेत्र मे इस प्रणाली के कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी है जो की इस पद्धति को प्रभावित करते है।
प्रश्न 2 – Allopathy का आविष्कार किसने किया ?
उत्तर – ऐलोपेथी चिकित्सा प्रणाली का यह नाम होम्योपेथी चिकित्सा प्रणाली के जन्म दाता डॉ. सेमुअल फ्रेंडिक हैनीमैन ने दिया था, वे मुख्यतः जर्मनी राष्ट्र के थे। ऐलोपेाथी का आविष्कार जानने से पहले इस शब्द के बारे मे जानना काफी जरूरी है। ऐलोपेथी मे ऐला का अर्थ होता है ‘‘अन्य’’ ओर पेथी का अर्थ होता है ‘‘पद्धति’’ जिसका अर्थ होता है एक अन्य पद्धति जिसके माध्यम से इलाज किया जा सके।
प्रश्न 3 – डॉ. सेमुअल फ्रेंडिक हैनीमैन कहा के निवासी थे व उनका पेशा क्या था ?
उत्तर – डॉ. सेमुअल फ्रेंडिक हैनीमैन का जन्म 1755 ई मे हुआ था। डॉ सैमुएल यूरोप राष्ट्र जर्मनी के निवासी थे। डॉ सैमुएल के पिता एक पॉर्सिलेन पेन्टर थे जो की जर्मनी मे मुल निवासी थे। डॉ सैमुएल जर्मनी के एक गरीब परिवार मे जन्मे थे उन्होने अपनी पढाई सुविधाओं के अभाव मे की थी। डॉ सैमुएल होम्योपेथी, ऐलोपेथी के साथ – साथ कई अलग – अलग यूरोपियों भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होने एम.डी की डिग्री भी प्राप्त की थी और वे विज्ञान के भी जानकार माने जाते थे। वै एक डॉक्टर के साथ – साथ भाषाओं का अनुवाद भी करते थे।
प्रश्न 4 – ऐलोपेथी चिकित्सा प्रणाली का जनक किसे माना जाता है ?
उत्तर – डॉ. सेमुअल फ्रेंडिक हैनीमैन को ऐलोपेथी का जनक माना जाता है वे मुलतः जर्मनी के निवासी थी। डॉ सैमुएल हैनीमेन का जन्म 1755 ई मे हुआ था।
प्रश्न 5 – कुनैन नामक औषधि क्या है ?
डॉ हैनीमैन जब ग्रंथों का अंग्रेजी मे अनुवाद कर रहे थे तब उनको एक ‘‘कुनैन’’ नामक औषधि के बारे मे पता चला जो की शरीर मे बने मलेरिया के लक्षण को खत्म करती है। अगर एक स्वस्थ व्यक्ति इस औषधि का सेवन करते है तो उस स्वस्थ व्यक्ति मे भी मलेरिया बिमारी के लक्षण उत्पत्र होने लगते है।