Account का आविष्कार किसने किया
आप ने कई जगहों पर देखा होगा की बैंक, दुकान, कम्पनी इत्यादि जगहों पर एकांउट का उपयोग काफी तेजी से होता है। आज के आधुनिक समय मे एकाउंटिंग को उपयोग करने का तरिक और ट्रेंड दोनो बदल चुका है। आधुनिक और तकनीकि युग मे खाता बहिंओ का उपयोग जिस प्रकार से बढ रहा है उतना की तेजी से इसका अधिपत्य भी कम्पनीयों मे बढता जा रहा है। आपको शायद इस बात का पता नही होगी की एकाउंट का पहली बार इस्तेमाल कब किया गया था और Account का आविष्कार किसने किया था तो आपको इस लेख के माध्यम से इसी के बारे मे जानकारी दी जायेगी। अतः आप इस लेख को अंत तक पढें ताकि आपको इससे संबंधित पूरी जानकारी मिल सके।
एकाउंट क्या है ? ( What is Account ? )
एकाउंट एक प्रोसेस है जिसमे किसी भी गणितीय व खाते एवं लेन – देन के संबंधित जानकारी एकत्रित की जाती है। इसमे वितीय व्यवस्थाओं की जानकारी रखी जाती है। एकांउंटींग मे भी कुछ जरूरी फिचर होते जिनको अलग – अलग नामों से जाना जाता है। एकांउट सभी प्रकार के वितीय प्रबंधकों का एक समूह है जिसे हिन्दी भाषा मे लेखांकन कहते है। एकाउंट Tangible व Intangible दोनो प्रकार के हो सकते है। सामान्यतः एकाउंट दो अलग – अलग शब्दों से मिलकर बना है जिसमे लेखा + अंकन होता है जिसका सीधा संबंध लेखांकन से है। प्राचीन काल मे जब पहली बार खाता बही बनी थी तक इसको पूर्ण रूप से Offline लिखा जाता था यानी किताबों व खाता बहीयों के जरिये लिखा जाता था परन्तु आज कम्प्यूटर के युग मे ऐसे कई साफ्टवेयर बाजार मे उपलब्ध है जिनकी सहायता से आप आसानी से लेखांकन संबंधित कार्य कर सकते है।
एकाउंट के लाभ ( Benefits of Account )
एकाउंट के कई सारे लाभ जिनमे से कुछ निम्न है –
- एकाउंट से हमारे काम, कम्पनी एवं अन्य सभी प्रकार के लेन – देन का हिसाब लगाया जा सकता है जिससे यह जानना आसान होता है की क्या आपके कम्पनी व आपके व्यवसाय ही वित्तीय स्थिति कैसी है।
- एक व्यवसायी के लिए सभी प्रकार के लेन – देनो को याद रखना मुश्किल हो जाता है और एकांउट से यह फायदा होता है की आप कई सारे रिकार्ड को लिखित रूप मे स्थानांतरिक कर सकते है और उसे आसानी से याद रख सकते है।
- एकांउट से कम्पनी की आय – व्यय का पता लगाया जा सकता है जिससे यह पता चलता है की आपकी कम्पनी को कितना लाभ हुआ है व हानि हुई है।
- एकांउट के माध्यम से आसानी से यह पता लगाया जा सकता है की आपके कम्पनी मे कितना उत्पाद हो रहा है वही उसमे से कितना बिक रहा है, कम्पनी के व्ययों एवं अन्य प्रकार के लेन – देनों का पता चलता है। एकाउंट के कई ऐसे फिचर है जैसे की बैलेंस शीट, लाभ – हानि बूक, लेजर इत्यादि से आप आपकी कम्पनी के लेन – देनों का पता लगा सकते है वही इस की सहायता से आप कम्पनी की साख का भी पता लगा सकते है। कम्पनी मे लाभ हानि पता करने का एकांउट एक आसान तरीकों मे से एक है।
एकाउंट के प्रकार ( Type of Account )
एकाउंट के व्यवहारिक प्रक्रिया एवं लेन – देन के आधार पर एकांउट को तीन अन्य भागों मे बांटा गया है जो की इस प्रकार है।
- व्यक्तिगत खाता ( Personal Account ) – व्यक्तिगत खातों मे वै सभी प्रकार के खाते आते है जिसमे एक व्यक्ति, संस्था से संबंधित जानकारी रखी जाती है। दूसरे शब्दों मे कहा जाये तो किसी कम्पनी या संस्था से जुडे किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत खाता होता है जिसमे उसी एक व्यक्ति से संबंधित जानकारी रखी जाती है। उदाहरण के तौर पर देखा जाये तो जैसे मोहन एक सियाश्री कम्पनी मे काम करता है तो उस कम्पनी मे मोहन का एक व्यक्तिगत खाता होगा जिसे केवल मोहन की ही जानकारी रखी जायेगी। इस प्रकार के खातों मे किसी भी बैंक मे खुला खाता भी इसी के अंतर्गत आता है।
- वास्तविक खाता ( Real Account ) – वास्तविक खातों मे उन सभी खातों को रखा जाता है जिसमे किसी वस्तु या सम्पति से संबंधित खाते होते है। इस प्रकार के खातों मे ऐसी कम्पनी असेट्स को रखा जाता है जैसे जमीन, ऋण या कर्जा इत्यादि संबंधित खातों को रखा जाता है। ऋण खातो मे इन सभी प्रकारों को रखा जा सकता है जैसे – भूमि खाता, बिल्डिंग खाता, मशीनरी खाता, फर्नीचर खाता, वाहन खाता, केश खाता इत्यादि।
- नाम पत्रों का खाता ( Normal Account ) – इस प्रकार के खातों मे उन सभी प्रकार के खातों को रखा जाता है जिसमे कम्पनी के स्टाफ का सैलेरी खाता, ब्याज संबंधित खाते, डिसकाउंट खाता, ख़रीददारी खाता, इन्श्योरेंस खाता इत्यादि।

एकांउट का अविष्कार ( Foundation of Account )
भारत और विश्व मे लेखांकन का इतिहास करीबन 7000 वर्ष से भी पुराना माना जाता है। लेखांकन का सर्वप्रथम इतिहास बेबीलाॅन, असीरिया, सुमेरिया के खंडरो से मिला था। प्राचीन काल मे कृषक खेती का हिसाब रखने के लिए लेखांकन व इससे मिलती जुलती बहियों का उपयोग करते थे। विश्व मे एकांउट का पिता के रूप मे Luca Pacioli को जाना जाता है जिन्होंने 1494 में पहली बार डबल एंट्री को प्रचलन मे लाया था। उन्होने ने ही पहली बार खाता बहियों के माध्यम से डेबिट व क्रेडिट का प्रचलन किया था। Luca Pacioli मूलतः इटली देश के निवासी थे व गणितिज्ञ भी थे।
एकाउंट के पिता का सामान्य परिचय ( General Information about the father of account )
एकांउट का पिता Luca Pacioli को माना जाता है जिनका जन्म 1447 मे इटली देश मे हुआ था। उनके पिता का नाम Bartolomeo Pacioli था। उन्होने अपनी शिक्षा अपने देश की लोकल भाषा vernacular मे की थी। Luca Pacioli एक गणितीय एवं लेखक है। इन्होने कई बूक्स लिखी है जिनमे से Divina proportione, summa de arithmetica, ancient double entry, paciolo on accounting, de ludo scachorum इत्यादि प्रमुख है।
एकाउंट मे उपयोग कुछ जरूरी Terms ( Some important Terms in Accounting )
एकाउंटिंग मे कुछ जरूरी Terms भी होते है जिसकी मदद से किसी भी लेन – देन को आसानी से पहचाना जा सकता ह कि वह किसी प्रकार का लेन – देन है एवं क्या लेन – देन है।
- Account Payable ( AP )
- Account receivable ( AR )
- Accrued Expenses ( AE (
- Assets ( A )
- Balance Sheets
- Book Value
- Equity
- Inventry
- Liability
- Expences ( cose )
- Cost of goods sold
- Gross Margin ( GM )
- Net Income
- Net Margin
- Revenue Sale
एकाउंट के रूल ( Rule of account )
एकाउंट मे दो मुख्य रूल होते है जो की इस प्रकार है –
- Debit – जों भी धन और अन्य व्यवसाय मे आता है उसकी एंट्री Debit Section मे होती है।
- Credit – जों भी धन और अन्य व्यवसाय से जाता है उसकी एंट्री Credit Section मे होती है।
निष्कर्ष ( Conclusion )
एकाउंट एक प्रोसेस है जिसमे किसी भी गणितीय व खाते एवं लेन – देन के संबंधित जानकारी एकत्रित की जाती है। इसमे वितीय व्यवस्थाओं की जानकारी रखी जाती है। एकांउंटींग मे भी कुछ जरूरी फिचर होते जिनको अलग – अलग नामों से जाना जाता है। एकांउट सभी प्रकार के वितीय प्रबंधकों का एक समूह है जिसे हिन्दी भाषा मे लेखांकन कहते है। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा।
FAQ
प्रश्न 1 – एकाउंट क्या है ?
उत्तर – एकाउंट Tangible व Intangible दोनो प्रकार के हो सकते है। सामान्यतः एकाउंट दो अलग – अलग शब्दों से मिलकर बना है जिसमे लेखा + अंकन होता है जिसका सीधा संबंध लेखांकन से है। एकाउंट एक प्रोसेस है जिसमे किसी भी गणितीय व खाते एवं लेन – देन के संबंधित जानकारी एकत्रित की जाती है। इसमे वितीय व्यवस्थाओं की जानकारी रखी जाती है।
प्रश्न 2 – एकाउंट को किसने पहली बार बनाया था ?
उत्तर – एकाउंट को पहली बार बनाने, पढने व लिखने का श्रेय को दिया जाता है। विश्व मे एकांउट का पिता के रूप मे Luca Pacioli को जाना जाता है जिन्होंने 1494 में पहली बार डबल एंट्री को प्रचलन मे लाया था। उन्होने ने ही पहली बार खाता बहियों के माध्यम से डेबिट व क्रेडिट का प्रचलन किया था। Luca Pacioli मूलतः इटली देश के निवासी थे व गणितिज्ञ भी थे।
प्रश्न 3 – Lua Pacioli कौन है ?
उत्तर – एकांउट का पिता Luca Pacioli को माना जाता है जिनका जन्म 1447 मे इटली देश मे हुआ था। उनके पिता का नाम Bartolomeo Pacioli था। उन्होने अपनी शिक्षा अपने देश की लोकल भाषा vernacular मे की थी। Luca Pacioli एक गणितीय एवं लेखक है। उन्होने कई बूक्स लिखी है जिनमे से Divina proportione, summa de arithmetica, ancient double entry, paciolo on accounting, de ludo scachorum इत्यादि प्रमुख है।
प्रश्न 4 – एकाउंट कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – एकाउंट के व्यवहारिक प्रक्रिया एवं लेन – देन के आधार पर एकांउट को तीन अन्य भागों मे बांटा गया है जो की इस प्रकार है। इन तीन भागों मे व्यक्तिगत खाता, वास्तविक खाता और नाम पत्रों वाला खाता के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 5 – एकाउंट का क्या लाभ है ?
उत्तर – कांउट के माध्यम से आसानी से यह पता लगाया जा सकता है की आपके कम्पनी मे कितना उत्पाद हो रहा है वही उसमे से कितना बिक रहा है, कम्पनी के व्ययों एवं अन्य प्रकार के लेन – देनों का पता चलता है। एकाउंट के कई ऐसे फिचर है जैसे की बैलेंस शीट, लाभ – हानि बूक, लेजर इत्यादि से आप आपकी कम्पनी के लेन – देनों का पता लगा सकते है वही इस की सहायता से आप कम्पनी की साख का भी पता लगा सकते है। कम्पनी मे लाभ हानि पता करने का एकांउट एक आसान तरीकों मे से एक है।