AC का आविष्कार कब और किसने किया
दोस्तो हर बड़े आफिस में जब आप जाते है तो वहां गर्मियों के दिनों में भी ठंडक का अहसास होता है । बाहर निकलते ही फिर वही भीषण गर्मी का अहसास होने लगता है । हर बड़े घर मे या हर बड़ी गाड़ी में आज ऐसी सुविधा मिलना स्टेट्स की निशानी और समान्य बात हो गई ।
आज गर्मी के बढ़ने के कारण बड़ी बड़ी दुकानों और घरों में , बड़ी बहुमंजिला इमारतों में इस तरह की सुविधा का उपयोग बहुत ही ज्यादा किया जा रहा है ।
तो दोस्तो आप समझ गए होंगे की आज हम किस विषय ऑयर बात करने वाले है । जी बिल्कुल सही आज हम एसी की बात करने वाले है ।
जब वातावरण का तापमान 40 या 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है तब मनुष्य गर्मी से राहत पाने के लिए अनेक प्रकार के उपाय करता है , उन्ही उपायों के कारण ही एक दिन इस दुनिया में एसी का अविष्कार हुआ ।
एसी क्या है –
यह एक ऐसी मशीन है जो वातावरण को एक निश्चित तापमान पर रखने में सहायता करती है । इसे वातकुलित भी कहते है । इसकी सहायता से गर्मियों के दिनों में गर्मी से निजात मिलती है । इसमें ठंडक प्रदान करने वाली गैसों का प्रयोग किया जाता है जो वायुमंडल में उपस्थित हवा की नमी को ठंडा करके एक निश्चत बन्द वातावरण को ठंडा करने का काम करती है । यह वायु की आद्रता को हटाकर ठंडा कर देती है । इसका इस्तेमाल घर को ठंडा रखने और बिजली के उपकरणों जैसे कंप्यूटर को ठंडा रखने में भी उपयोग किया जाता है ।

AC का आविष्कार कब और किसने किया और इसी से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।
एसी की खोज –
19 वी शताब्दी में एयर कंडीशनर का अविष्कार किया गया । सन 1902 में न्यूयॉर्क के बफ़ेलो में विलिस कैरियर द्वारा पहला एसी बनाया गया था ।
इसके चार साल के बाद सन 1906 में स्टुअर्ट डबल्यू क्रेमर ऑफ चार्लोट ने हवा में नमी की मात्रा को कम करने का तरीका खोज निकाला । उन्होंने इस तरीके को एयरकंडीशनर नाम दिया और इसे ही उन्होंने पेटेंट भी करवा लिया और इस चार्लोट पहले ऐसी वैज्ञानिक बने जिन्हें अधिकारिक तौर पर एसी का अविष्कार करने मे श्रेय जाता है ।
धीरे धीरे एसी की उपयोगिता बढ़ने लगी । लोग गर्मी से राहत पाने के लिए एसी खरीदने लगे । इससे पहले लोग बड़े बड़े कारखानों के लिए ही एसी खरीदते थे लेकिन एसी की खोज के 8 साल के बाद 1914 में भविष्य की संभावना को देखते हुए चार्ल्स गेट ने पहला ऐसा घर बनाया जो पूरी तरह से एयरकंडीशनर था ।
अभी तक बनाये गए एसी घर के अंदर रखे जाते थे और ये काफी बड़े भी होते थे , जिसके कारण ये घर के अंदर काफी जगह भी घेरते थे ।
इसी परेशानी से बचने के लिए सन 1945 में मैसाच्युसेट्स के लीन के रॉबर्ट शेरमेन ने एक ऐसा पोर्टेबल एसी बनाया जिसे खिड़की में बाहर की तरफ लगाया जा सकता था । यह घर के अंदर की जगह भी नही घेरता था । इसे इस प्रकार से बनाया गया कि एसी को बाहर लगाकर इसके कूलिंग पाइप को घर के अंदर लाया जाता , जिससे एसी घर के बाहर रहता और इसका कूलिंग पाइप घर को ठंडा रखने का काम करता ।
शुरुआत में जो एसी बनाये गए थे उन सभी में वातावरण को ठंडा रखने म लिए जहरीली गैसों अमोनिया , मिथाइल क्लोराइड , प्रोपेन जैसी गैसों को काम लिया जाता था । जिंसमे गैस के लीक होने की संभावना हमेशा बनी होती थी और इससे कभी हादसा हो सकता था ।
कहते है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है और इसी आवश्यकता ने एक ऐसी गैस खोजने के लिए प्रेरित किया जो ना तो जहरीली हो और ना ही ज्वलनशील । यह सिर्फ वातावरण को ठंडा करने वाली होनी चाहिए । सन 1928 में थॉमस मिडगली जूनियर ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस का निर्माण किया । जो पहले की अपेक्षा वातावरण को ठंडा भी ज्यादा रखती थी और यह कम खतरनाक भी थी ।
इसके बाद एसी में सीएफसी , हाइड्रोक्लोरोकार्बन , हाइड्रोफ्लोरोकार्बन का इस्तेमाल होने लगा ।
एसी काम कैसे करता है –
एसी के चार भाग होते है । जो एक दूसरे के साथ मिलकर इसे चलाते है ओर वातावरण को ठंडा करने का काम करते है ।
1. एवपोरेटेड
2. कंप्रेसर
3. कंडेंसर
4. एक्सपेंसिव वैल्यू
1. एवपोरेटेड –
यह एक हीट एक्सचैंज कोईल होती है । जिंसमे हीट फिन्स लगे होते है । ये गर्मी को सोखने का काम करते है । तब गर्म हवा इनसे टकराती है तो ये गर्मी को सोख लेते है और हवा को ठंडा कर देते है । हवा की नमी भी जब इन फिन्स के संपर्क में आती है तो वह और ठंडी होकर पानी की बूंद बन जाती है । जिसे एसी के वाटर ड्रेन सिस्टम के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है ।
2. कंप्रेसर –
अगर कम्प्रेसर को एसी का दिल कहे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी क्योकि यही वह भाग होता है जो गैस का निरन्तर बहाव बनाए रखता है । जब एवोप्रेटेड से कम तापमान की गैस कम्प्रेसर तक पहुंचती है तो कम तापमान की गैस को कंप्रेस कर दिया जाता है जिससे गैस का तापमान और दबाव बढ़ जाता है । कम्प्रेसर एसी में एक तरह स पंप की तरह काम करता है जो कंडिसनर सिस्टम में हवा के फ्लो को बनाये रखता है ।
3. कंडेंसर –
यह कम्प्रेसर से आई हुई अधिक दाब और उच्च तापमान की गैस का तापमान करना और गैस को तरल रूप में बदलना ।
4. एक्सपेंसिव वैल्यू –
यह तरल गैस के फ्लो को नियंत्रित करने काम करता है साथ ही साथ ही हाई प्रेसर रेफ्रिगेरेन्ट को लौ प्रेसर रेफ्रिगेरेन्ट में बदलने का कार्य करता है ।
यह तरल रूप में आई हुई गैस को गैस में बदलने का काम करता है जिससे ज्यादा से ज्यादा गर्मी का अवशोषण किया जा सके ।
यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक निश्चित एरिया निश्चित तापमान तक ना पहुंच जाए ।
एसी के फायदे –
दोस्तो एसी के बहुत से फायदे हम अपने दैनिक जीवन मे रोज देखते और अनुभव भी करते है । एसी के उपयोग से हमे गर्मियों के दिनों में पड़ने वाली भीषण गर्मी से राहत मिलती है । साथ ही साथ गर्मियों के कारण होने वाली बीमारियों में आराम मिलता है ।
एसी के कारण गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना नही करना पड़ता है ।
एसी के उपयोग से हमारे काम आने वाले बिजली के उपकरणों को ठंडा रख सकते है जिससे होने वाली दुर्घटनाओ से बचा जा सकता है । साथ ही साथ एसी के कारण कंप्यूटर को भी ठण्डा रखा जाता है जिससे यह काम करते समय स्लो नही होता और हमे काम करने का एक अच्छा अनुभव भी मिलता है ।
एसी के नुकसान –
दोस्तो जैसे हर एक सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही जब किसी वस्तु की बात की जाती है तो उससे फायदे भी होते है तो उसके कुछ नुकसान भी होते है । बस अंतर ये होता है कि किसी से नुकसान कम होता है तो किसी से ज्यादा होता है । अगर बात करे एसी से होने वाले नुकसान की तो यह सबसे पहले वातावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है । इसमे काम आने वाली क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस वातावरण में हमारी सुरक्षा परत ओजोन को नुकसान पहुंचाती है । इसके कारण आज हम ग्लोवल वार्मिग की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । आज एसी और फ्रिज के उपयोग के कारण ओजोन परत में एक बहुत बड़ा छेद हो चुका है जिसके कारण सूर्य से आने वाली खरनाक पराबैंगनी किरणे सीधे पृथ्वी पर आती है जिसके कारण वातावरण का तापमान बढ़ रहा है । वातावरण के तापमान में बढ़ोतरी के कारण अनेक ग्लेशियर पिघले की कगार पर है । जिससे आने वाले समय मे समुद्र में स्तिथ अनेक देशों के डूबने की संभावना बढ़ रही है ।
पराबैंगनी किरणों के सीधे वातावरण में आने के कारण चर्म रोगों और कैंसर जैसी बीमारिया भी बढ़ रही है ।
निष्कर्ष –
दोस्तों हमने ऊपर एसी फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त की है तो एक बात हो हमे समझ आ ही गई होगी कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान पर्यावरण को होने वाला है । जिसके कारण आने वाले समय मे हमारे सामने अनेक भयंकर संकट उतपन्न होने वाले है । जल्द से जल्द से हमे एसी में काम आने वाली गैसों का विकल्प ढूंढना होगा । हमे ऐसी गैस ढूंढनी होगी जो पर्यावरण को नुकसान ना पहुचाती हो ।
हमे एसी का उपयोग कम से कम करना होगा । हमे इससे हुए नुकसान कज भरपाई के लिए अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने होंगे और पर्यावरण को बचाना होगा ।
हमने AC का आविष्कार कब और किसने किया इस लेख में एसी से जुड़ी अनेक प्रकार की जानकारियों को आपके सामने रखने का प्रयास किया है । यद्यपि इन जानकारियों को आप तक पहुंचने के लिए हमने पूर्ण सावधानी बरती है । फिर भी अगर आपका कोई सुझाव हो जिसे शामिल करके आगे आने वाले लेखों में सुधार किया जा सकता है और उन्हें गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सकता है तो आप हमें नीचे कमेंट करके हमे बता सकते है ।
आपको AC का आविष्कार कब और किसने किया यह जा जानकरी कैसी लगी इसके बारे में भी जानकारी अवश्य दे और साथ ही साथ आप इसे अपने दोस्तों , रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूले । आपका यह छोटा सा सहयोग हमे आगे बढ़ने में सहयोग प्रदान करता है ।